जिनका कोई ठिकाना नहीं... वो भी डालेंगे वोट!

लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह अपनी पसंद की सरकार चुने. लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए मतदान प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभानी जरूरी है. जाने-अनजाने ही सही लेकिन बड़ी संख्या में लोग मतदान करने के अपने मौलिक अधिकार से वंचित हो रहे हैं. दरअसल हमारे ही समाज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो बेघर हैं और जिनका कोई निश्चित ठौर-ठिकाना नहीं है. ये लोग फुटपाथ, झुग्गी-झोंपड़ियों और रेन-बसेरों में आसानी से देखे जा सकते हैं. लेकिन में इनमें से बड़ी संख्या में लोगों के पास मतदाता पहचान पत्र नहीं होने के चलते ये वोट नहीं डाल पाते हैं. लेकिन निर्वाचन अधिकारी चाहें तो इन लोगों को वोटिंग करने का अधिकार मिल सकता है.

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