हनुमान जी की इस मूर्ति में स्पष्ट दिखाई देती हैं शरीर में नस
स्वप्न निर्देश के अनुसार, राजा ने इस स्थान पर मंदिर की स्थापना की और मंदिर के निकट महल और जल विहार के लिए पक्की नहर का निर्माण कराया. इस स्थान को कीरतसिंह नगर का नाम देकर राजधानी घोषित किया गया.
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