घास-फूस की झोपड़ी में चलता है विद्या का मंदिर

ना तो पीने का पानी है और ना ही शौचालय है. बाकी सुविधाएं तो भूल ही जाइये. ऊपर से इंद्र देव की मेहरबानी हो जाए तो बिन बताए छुट्टी भी हो जाती है.

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