
गणतंत्र दिवस पर तिंरगा फहराते हुए भाषण में कर्मचारियों को ईमानदारी की नसीहत देने वाला दो घंटे बाद ही एक लाख की घूस लेते कोटा में पकड़े गए नारकोटिक्स के डिप्टी कमिश्नर सहीराम मीणा को 'नई कुर्सी' भी नहीं बचा पाई. तीन सौ करोड़ की काली कमाई रखने वाले मीणा ने पुलिस गिरफ्त में बचने के लिए तबीयत खराब होने का बहाना बनाया और चलने भी असमर्थता जाहिर की. लिहाजा, उसके लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई. लेकिन डिप्टी कमिश्नर को यह नई कुर्सी भी नहीं बचा पाई और मेडिकल जांच में डॉक्टरों ने उसकी पोल खोलते हुए सभी जांचों में स्वस्थ्य करार दिया. मेडिकल रिपोर्ट के बाद पुलिस जान चुकी थी कि घूसखोर अफसर की तबीयत दुरुस्त है. लिहाजा, अस्पताल से पुलिस उसे पूछताछ के लिए वापस अपने साथ ले गई.
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