भगवान की नहीं, चुनाव की महिमा है अपरंपार

हो सकता है कि योगीजी तुलसीदास के हनुमान चालीसा को रद्द कर योगीदास का नया हनुमान चालीसा ही जारी कर दें.

कोई टिप्पणी नहीं